Sunday, May 13, 2012

Bhoolana Bhool Jaaoge-Forget Forgetting-भूलना भूल जाओगे


सामान्यतः लोग यह समझते हैं कि स्मरण शक्ति, बुद्धिमत्ता और शैक्षणिक क्षमता ईश्वर की ही देन है और इनमें वृद्धि की सम्भावना भी नहीं है। लेकिन यह यथार्थ नहीं है, जिस तरह आप शरीर-गठन करने और षट-बन्ध उदर विकसित करने हेतु व्यायाम-शाला जाते हैं, आसन, योग तथा कसरत करते हैं, पौष्टिक आहार लेते हैं और मन चाही  बलिष्ठ मांसल देह प्राप्त करते हैं, ठीक उसी तरह आप कई तरीकों से जैसे न्यूरोबिक्स (दिमाग़ी कसरत), स्मृति विज्ञान (निमोनिक्स) या समुचित पोषक तत्वों के सेवन से अपने मस्तिष्क की क्षमताओं में अभूतपूर्व वृद्धि कर सकते हैं। वैसे भी मानव के मस्तिष्क में अपार शक्ति संचित है। यह पुस्तक आपके हाथों में देखकर हम पूर्ण रूप से निश्चिंत हैं कि आप की स्मरण क्षमता मात्र कुछ ही दिनों में कई गुना अधिक हो जाएगी।
इसका अर्थ यह भी हुआ कि हमारे मस्तिष्क में अभी भी ऐसी अनेक शक्तियाँ या रहस्य हैं जिन्हें हमें अभी खोजना है। आजकल वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क की क्षमताओं में अपार वृद्धि करने हेतु कई रहस्यमयी तकनीकों और पोषक तत्वों की खोज कर ली है। आज हम इन सारे रहस्यों से पर्दा उठा देंगे, आज हम सारे भेद खोल देंगे। आज आप जान जायेंगे कि मस्तिष्क किस प्रकार काम करता है, किस तरह आप स्वयं को बुद्धिमान, विद्वान और सफल बना सकते हैं तथा कैसे आप अपनी स्मरण शक्ति को चाकू की धार जैसा पैना बना सकते हैं। आज हम आपको यह भी बता देंगे कि कैसे आप हर परीक्षा में अपने सारे प्रतिद्वंदियों को पछाड़ कर सर्वोच्च अंक प्राप्त करेंगे तथा कैसे आप हर परीक्षा के प्रश्नपत्रों को चुटकियों में हल कर लेंगे। आप अनुभव करेंगे कि आज के बाद कैसे सफलता आपके कदम चूमेगी। आज हम और आप मिल कर आपकी सफलता के लिए नई इबारत लिख देंगे।
आज यहाँ हम कुछ स्मृति नियमों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे जिनका प्रयोग आपकी स्मरण शक्ति, विद्वता, पठन क्षमता, चतुराई, दूरदर्शिता, कल्पनाशीलता, सृजनात्मकता, एकाग्रता, परिपक्वता, निर्णय क्षमता, व्यवहार कुशलता, सहनशीलता, सकारात्मक प्रवृत्ति, मानसिक शांति, बुद्धिमत्ता और शैक्षणिक क्षमता में अभूतपूर्व, असीमित, अविश्वसनीय, अचूक तथा अपार वृद्धि करेगा ।
रविवार, 11 मार्च 2012 (21 फाल्गुण 1933)               -  एन एल श्रमण                                                        भूलना भूल जाओगेएन एल श्रमण के 50 वर्षों के निरन्तर अध्ययन, अनुभव, शोध, संगति एव कल्पना का सार संग्रह है। यह स्मृति शास्त्र नहीं अपितु स्मृति शस्त्र है। निमोनिक्स ("NE-mon'-आईसीएस") स्पष्ट कृत्रिम उपादान की एक प्रणाली का उपयोग कर स्मृति की सहायता करने की कला है। नियमों, वाक्यांशों, चित्र, संक्षिप्त कूट और अन्य विधियों की सहायता से नाम, तिथि, तथ्य और आंकड़े आदि को याद रखने में मदद करता है। निमोनिक्स लोगों को जानकारी प्राप्त करने के लिए एक त्वरित संदर्भ स्रोत या विशिष्ट विषयों के साथ मदद, और किसी के लिए सहायता का एक पुस्तकालय (शिक्षकों को विशेष रूप से) है। सामान्य में निमोनिक्स के बारे में जानकारी प्राप्त करने, इस विषय के उपयोग और प्रयोजन विस्तृतीकरण के लिए एक विस्तृत विवरण शामिल करने का प्रयत्न है।  इस पुस्तक की विषय वस्तु में 51 से अधिक विषयों जैसे नागरिक शास्त्र, इतिहास, भूगोल, गणित, बीज गणित, रेखा गणित, ठोस ज्यामिति, ज्यामिति, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, हिन्दी व अँग्रेज़ी भाषा एवं व्याकरण, खगोल विज्ञान, कृषि, वनस्पति शास्त्र, सामान्य ज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान, स्मृति शास्त्र, गुरु गणित, इलेक्ट्रॉनिक्स्, मीट्रिक प्रणाली वाणिज्य, अर्थशास्त्र व देश विदेश की जानकारी  के साथ-2 अन्य बहुमूल्य जानकारियाँ दी गयी हैं। इसकी विषय वस्तु को चार वर्ष या इससे अधिक की आयु का कोई भी व्यक्ति स्मरण कर सकता है।
Mnemonics Neatly Eliminate Man's 
Only Nemesis - Insufficient  Cerebral Storage“                                                                                 
भूलना भूल जाओगे
Forget Forgetting
इतिहास में ऐसी पुस्तक इससे पहले कभी भी किसी ने लिखने का प्रयास नहीं किया।  इस जैसी पोथी को लिखने में पीढ़ियाँ गुजर सकती हैं। लेखक ने मात्र साठ वर्षों के अनुभवों से इसे सम्पादित कर दिया है। इस पुस्तक  की विषय वस्तु  चार वर्ष या अधिक  आयु के व्यक्तियों द्वारा याद की जा सकती है। यह पुस्तक न केवल इक्यावन  से अधिक विषयों को याद करने का रास्ता दिखाती है अपितु  उससे सम्बंधित  तकनीकियों की जानकारी भी देती है। यह पुस्तक स्मरण शक्ति से सम्बंधित तमाम मिथकों को तोड़ती है। इस पुस्तक की दृष्टि में स्मरणशक्ति कोई दैवीय वरदान नहीं अपितु इसे थोड़े से प्रयास से कई गुणा बढ़ाया जा सकता है। इस पुस्तक में ऐसी जानकारियाँ दी गयी है जो इस पुस्तक के अतिरिक्त  अन्यत्र शायद ही कहीं उपलब्ध हो सकें। एक बार जब आप इस पुस्तक को पढ़ लेंगे तो आप को इस बात का पछ्तावा अवश्य हो सकता है कि यह पुस्तक आपको काफी पहले क्यों पढ़ने को नहीं मिली। इस पुस्तक को पढ़ने से आप अथाह आत्मविश्वास प्राप्त करेंगे, परीक्षा का नाम सुनकर आपका चेहरा खिल उठेगा, आपकी कमजोरियां खूबियों में बदल जायेंगी, ख्याति बढ़ेगी व आपकी जिन्दगी एकदम बदल जायेगी , आपकी अवस्था चाहे कुछ भी हो।
प्रकाशक: मेमोरी गुरु ऑफ़ इन्डिया
(भारत गणराज्य)

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